ज्योतिष

आ गई पापमोचनी एकादशी, जानिए इस दिन क्या करें क्या ना करें

Papmochani Ekadashi has arrived, know what to do and what not to do on this day.

सत्य खबर, नई दिल्ली : पापमोचिनी एकादशी का पारण 6 अप्रैल को किया जाएगा. इस साल पापमोचिनी एकादशी व्रत का पारण समय 6 अप्रैल की सुबह 6 बजकर 5 मिनट से लेकर 8 बजकर 37 मिनट तक है.

पापमोचनी एकादशी का व्रत कैसे करें? 

शास्त्रों के अनुसार पापमोचिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है. इस एकादशी का व्रत कर रहे व्रती को एक बार दशमी तिथि को सात्विक खाना खाना चाहिए. स्नान करने के बाद साफ और हल्के रंग के कपड़े पहनें और फिर मन में व्रत का संकल्प लें.

पापमोचनी एकादशी व्रत में क्या खाना चाहिए? 

अगर व्यक्ति की सेहत ठीक नहीं है तो वह फलाहार या जलीय व्रत रख सकते हैं. निर्जला उपवास रखने से पहले दशमी तिथि के दिन सात्विक खाना ही खाना चाहिए और एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की उपासना विधि-विधान से करनी चाहिए.

पापमोचनी एकादशी व्रत में फल, चीनी, कुट्टू, आलू, साबूदाना, शकरकंद, जैतून, नारियल, दूध, बादाम, अदरक, काली मिर्च, सेंधा नमक आदि का सेवन किया जा सकता है.

पापमोचनी एकादशी व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए? 

पद्म, स्कंद और विष्णु धर्मोत्तर पुराण के अनुसार इस एकादशी व्रत में अन्न नहीं खाना चाहिए. इस व्रत में उपवास करने का विधान बताया गया है, जिसमें सिर्फ फलाहार किया जा सकता है.

इसके अलावा पापमोचनी एकादशी के दिन गंध युक्त चीजों को खाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह शरीर और मन की अशुद्धता को बढ़ाता है, इसलिए इस दिन लहसुन और प्याज नहीं खाना चाहिए.

इस दिन लहसुन, प्याज की तरह ही मसूर की दाल, गाजर, शलजम, गोभी, पालक आदि चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी के दिन चावल खाने से परहेज करना चाहिए.

पापमोचनी एकादशी पर व्रत और दान के साथ ही भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस एकादशी का व्रत करने से तमाम परेशानियां और जाने-अनजाने में किए गए पापों से भी छुटकारा मिलता है. इस व्रत के दौरान कुछ बातों का खास ध्यान रखा जाता है. आइए जानते हैं पापमोचिनी एकादशी व्रत करने से पहले उन नियमों के बारे में जिनकी अनदेखी करने पर अक्सर यह व्रत टूट जाता है.

पापमोचनी एकादशी के दिन क्या करें?

एकादशी व्रत के दिन दान-दक्षिणा का बहुत महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि एकादशी का व्रत तब तक अधूरा माना जाता है जबतक आप किसी जरूरतमंद को दान-दक्षिणा नहीं देते. इसलिए इस दिन दान जरूर करें.

इस दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं और नहाने के बाद तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं. दिनभर कुछ नहीं खाना चाहिए. अगर संभव न हो सके तो फलाहार कर सकते हैं.

दिन में मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर दान करना चाहिए और किसी मंदिर में भोजन या अन्न का दान करना चाहिए. सुबह-शाम तुलसी के पास घी का दीपक जलाना चाहिए और तुलसी की परिक्रमा करनी चाहिए.

शाम को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. ऐसे में पापमोचिनी एकादशी के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें. इससे भगवान आप पर जल्द प्रसन्न होते हैं और आपको शुभ फल प्राप्त होते हैं.

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